Type | Description | Contributor | Date |
---|---|---|---|
Post created | Pocketful Team | May-19-25 |
Read Next
- Best Metaverse Stocks in India 2025
- Best Manufacturing Stocks in India 2025
- Top 10 Reasons to Invest in Gold
- Top 10 Consumer Staples Stocks in India 2025
- 10 Best Paper Trading Apps in India 2025
- Best Silver Stocks in India 2025
- How to Use AI for Smarter Investing in India 2025
- Best Sugar Penny Stocks Invest in India 2025
- 10 Best NBFC Stocks List in India
- How to Identify Multibagger Stocks in India?
- 10 Best Fintech Stocks in India 2025
- Top 10 Beverage Stocks In India
- Top 10 MNC Companies in India
- Top 10 Food Delivery Stocks in India 2025
- UltraTech Vs Ambuja: Which is Better?
- Tata Technologies Vs TCS: Which is Better?
- Multibagger Penny Stocks for 2025
- Tata vs Reliance: India’s Top Business Giants Compared
- What Is The Difference Between Large Cap, Mid Cap, And Small Cap Funds?
- Government Bonds India – Types, Advantages, and Disadvantages of Government Bonds
- Blog
- most expensive stocks in india hindi
10 भारत के सबसे महंगे शेयर 2025 – प्राइस और रिटर्न

शेयर बाजार में कुछ ऐसे स्टॉक्स हैं जिनकी प्राइस ₹1 लाख से भी ऊपर है, ऐसे शेयरों को देखकर अक्सर यह सवाल उठता है – क्या महंगा मतलब बेहतर? या उसके फंडामेंटल्स स्ट्रांग हैं। कई बार ये सिर्फ सीमित उपलब्धता और कम लिक्विडिटी की वजह से होता है। इस ब्लॉग में जानेंगे भारत के 10 सबसे महंगे शेयरों की पूरी लिस्ट, उनका पिछले एक साल का रिटर्न, और क्या ये इन्वेस्टमेंट के लिए सही हैं या सिर्फ दिखावे के लिए महंगे हैं।
टॉप 10 सबसे महंगे स्टॉक्स की लिस्ट (2025 में)
भारत में कुछ स्टॉक्स इतने महंगे हैं कि उन्हें लक्ज़री इन्वेस्टमेंट कहा जा सकता है। ये कंपनियां स्ट्रांग बिज़नेस और भरोसेमंद परफॉरमेंस के लिए जानी जाती हैं।
नीचे दिए गए टेबल में टॉप 10 सबसे महंगे शेयरों को उनके शेयर प्राइस के हिसाब से डेस्केन्डिंग आर्डर में लिस्ट किया गया है:
कंपनी | कीमत | मार्किट कैपिटलाइजेशन | 52-वीक हाई | 52-वीक लो |
---|---|---|---|---|
एमआरएफ लिमिटेड | ₹ 1,41,014 | ₹ 59,815 Cr. | ₹ 1,43,850 | ₹ 1,00,500 |
एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड | ₹ 1,32,198 | ₹ 2,644 Cr. | ₹ 3,32,400 | ₹ 3.53 |
पेज इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड | ₹ 46,438 | ₹ 51,776 Cr. | ₹ 49,933 | ₹ 34,525 |
हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया लिमिटेड | ₹ 36,150 | ₹ 31,895 Cr. | ₹ 59,994 | ₹ 31,025 |
3एम इंडिया लिमिटेड | ₹ 29,201 | ₹ 32,971 Cr. | ₹ 41,000 | ₹ 25,714 |
बॉश लिमिटेड | ₹ 31,433 | ₹ 92,708 Cr. | ₹ 39,089 | ₹ 25,922 |
श्री सीमेंट लिमिटेड | ₹ 30,620 | ₹ 1,10,479 Cr. | ₹ 31,865 | ₹ 23,500 |
एबॉट इंडिया लिमिटेड | ₹ 30,348 | ₹ 64,490 Cr. | ₹ 31,900 | ₹ 25,260 |
लक्ष्मी मशीन वर्क्स लिमिटेड | ₹ 18,108 | ₹ 19,345 Cr. | ₹ 19,200 | ₹ 13,450 |
डिक्सन टेक्नोलॉजीज (India) Ltd | ₹ 16,123 | ₹ 97,120 Cr. | ₹ 19,150 | ₹ 7,933 |
अधिक जानें – भारत में टॉप 10 सबसे अधिक देने वाले डिविडेंड यील्ड स्टॉक
1-ईयर रिटर्न: किसने दिया सबसे अच्छा फायदा ?
कई बार स्टॉक की प्राइस बहुत हाई होती है, लेकिन उसका वास्तविक प्रदर्शन उतना मज़बूत नहीं होता। पिछले 1 साल में इन टॉप 10 महंगे शेयरों में से कुछ ने अच्छा रिटर्न दिया, तो कुछ ने उम्मीद से कम परफॉर्म किया।
नीचे दिए गए टेबल में भारत के टॉप 10 सबसे महंगे शेयरों को उनके 1-ईयर रिटर्न के हिसाब से डेस्केन्डिंग आर्डर में लिस्ट किया गया है:
कंपनी | 1-ईयर रिटर्न |
---|---|
एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड | 36,98,341.93% |
डिक्सन टेक्नोलॉजीज (India) Ltd | 82.15 % |
पेज इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड | 35.78 % |
श्री सीमेंट लिमिटेड | 22.44 % |
एबॉट इंडिया लिमिटेड | 15.46 % |
एमआरएफ लिमिटेड | 8.12 % |
लक्ष्मी मशीन वर्क्स लिमिटेड | 3.78 % |
बॉश लिमिटेड | 2.55 % |
3एम इंडिया लिमिटेड | -5.88 % |
हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया लिमिटेड | -27.34 % |
टॉप 10 भारत के सबसे महंगा शेयर का शार्ट ओवरव्यू
1. एमआरएफ लिमिटेड
एमआरएफ लिमिटेड की स्थापना के.एम. मैममेन मपिल्लई ने 1946 में की थी। कंपनी ने अपनी यात्रा टॉय बैलून बनाने से शुरू की थी, लेकिन 1952 में यह ट्रेड रबर के निर्माण में कदम रख चुकी थी और चार साल में ही यह बाजार का लीडर बन गई। 1961 में, एमआरएफ ने यूएसए की मैन्सफील्ड टायर एंड रबर कंपनी के साथ साझेदारी की और चेन्नई में अपनी पहली मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित की। उसी साल कंपनी ने भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में अपनी सूचीबद्धता प्राप्त की। एमआरएफ दोपहिया वाहनों, कारों, ट्रकों, और यहां तक कि एयरप्लेन के लिए टायर बनाने वाली प्रमुख कंपनी है। कंपनी का मुख्यालय चेन्नई में स्थित है।
2. एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड
एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड, एक नॉन -बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी (NBFC), भारत के महंगे शेयर में एक है । यह कंपनी मुख्य रूप से निवेश गतिविधियों में शामिल है, जैसे कि इक्विटी शेयर्स , डिबेंचर्स , म्यूच्यूअल फंड्स, और अन्य वित्तीय उपकरणों में निवेश करना। दिसंबर 2024 के तिमाही में, कंपनी का एक महत्वपूर्ण निवेश एशियन पेंट्स लिमिटेड में 2.95% की हिस्सेदारी शामिल है। एल्सिड अपने निवेश से लाभांश, ब्याज, और निवेश लाभ के रूप में आय प्राप्त करता है।
पहले एल्सिड के शेयर एकल अंकों में ट्रेड कर रहे थे, लेकिन स्पेशल कॉल ऑक्शन्स के बाद, जो आम तौर पर प्राइस डिस्कवरी के लिए उपयोग किए जाते हैं, कंपनी ने अक्टूबर 2017 से 44.53 लाख प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि देखी। इसने एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स को एक प्रमुख निवेश कंपनी बना दिया है।
3. पेज इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड
पेज इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की स्थापना सुंदर जेनोमल और उनके परिवार ने 1994 में की थी। इस कंपनी ने जॉकी इंटरनेशनल इनकॉर्पोरेशन के साथ एक विशेष समझौता किया, जिसके तहत जॉकी उत्पादों के निर्माण, वितरण और बिक्री का अधिकार भारत, श्रीलंका, बांगलादेश, नेपाल, UAE, ओमान और कतर में प्राप्त किया। 2005 में, कंपनी ने भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर अपनी लिस्टिंग की। इसके बाद, कंपनी ने स्पीडो इंटरनेशनल लिमिटेड से एक विशेष लाइसेंस प्राप्त किया, जिसके तहत भारत में स्पीडो के उत्पादों का निर्माण, विपणन और वितरण करने का अधिकार मिला। कंपनी का मुख्यालय बेंगलुरू में स्थित है।
4. हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया लिमिटेड
हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया लिमिटेड की स्थापना 1987 में हनीवेल इंटरनेशनल द्वारा भारत में की गई थी। शुरूआत में इसे टाटा प्रोसेस कंट्रोल प्रा. लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। 1988 में कंपनी भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध हुई और इसका नाम बदलकर टाटा हनीवेल लिमिटेड कर दिया गया। 2004 में, जब हनीवेल इंटरनेशनल Asia Pacific Inc. ने टाटा ग्रुप की हिस्सेदारी खरीदी, तो कंपनी का नाम फिर से हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया लिमिटेड रखा गया। कंपनी आज कई क्षेत्रों में काम करती है, जैसे कि एयरोस्पेस, ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, IT, जीवन विज्ञान, और उपयोगिता सेवाएं। इसके उत्पादों का उपयोग वाणिज्यिक, आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों में स्वचालन और नियंत्रण प्रणालियों के लिए किया जाता है। कंपनी का मुख्यालय पुणे में स्थित है।
5. 3एम इंडिया लिमिटेड
3एम इंडिया लिमिटेड की स्थापना 1987 में 3एम कंपनी के एक सब्सिडियरी के रूप में की गई थी, जो एक अमेरिकी मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशन है। कंपनी ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिकल, स्वास्थ्य देखभाल, और अन्य उद्योगों के लिए विशेष उत्पाद प्रदान करती है। 3एम इंडिया ने 1991 में भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर अपनी लिस्टिंग की। कंपनी के कुछ प्रमुख ब्रांड्स में स्कॉच ब्राइट, नेक्सकेयर और लिटमैन शामिल हैं। इसके उत्पादन संयंत्र पूरे देश में फैले हुए हैं, जो इसे B2B और B2C दोनों बाजारों की आवश्यकताओं को प्रभावी तरीके से पूरा करने में सक्षम बनाते हैं। कंपनी का मुख्यालय बंगलुरू में स्थित है।
6. बॉश लिमिटेड
बॉश लिमिटेड की स्थापना 1886 में रॉबर्ट बॉश ने जर्मनी में की थी। 1897 तक, कंपनी ने इग्निशन सिस्टम्स में अपनी पकड़ बना ली थी और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के प्रमुख सप्लायर के रूप में उभरी थी। 1922 में कंपनी ने भारत में अपनी एक बिक्री कार्यालय खोला और अगले 30 सालों तक केवल इम्पोर्ट्स के जरिए काम किया। 1951 में मोटर इंडस्ट्रीज कंपनी लिमिटेड की स्थापना हुई, और बॉश ने तुरंत उसकी 49% हिस्सेदारी खरीदी। वहां ईंधन इंजेक्टर और स्पार्क प्लग का उत्पादन शुरू हुआ।
कंपनी ने अपनी पहली मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी बेंगलुरु में खोली और समय के साथ पुणे, हैदराबाद, कोयंबटूर में R&D फैसिलिटीज और नासिक में एक और मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित की। 1993 में, कंपनी ने भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग की और 2008 में MICO का नाम बदलकर बॉश लिमिटेड रखा। 2014 में, कंपनी ने भारत में एक आई-केयर समाधान लॉन्च किया और तब से सस्ती आई-केयर के लिए उपकरण विकसित करने में लगी हुई है। कंपनी का मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है।
7. श्री सीमेंट लिमिटेड
श्री सीमेंट लिमिटेड की स्थापना बेनू गोपाल बांगड़ ने 1979 में की थी। कंपनी ने अपनी पहली मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी राजस्थान में स्थापित की थी। भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए, कंपनी ने अपनी सीमेंट निर्माण क्षमता को बढ़ाया और वर्तमान में यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा सीमेंट निर्माता है। 2012 में, कंपनी ने 300 मेगावॉट क्षमता का एक थर्मल पावर प्लांट स्थापित किया। 2018 में, कंपनी ने यूनियन सीमेंट का अधिग्रहण किया ताकि अपनी उत्पादन क्षमता को और बढ़ा सके। कंपनी का मुख्यालय कोलकाता में स्थित है।
8. एबॉट इंडिया लिमिटेड
एबॉट इंडिया लिमिटेड की स्थापना 1910 में हुई थी और यह एबॉट लेबोरेटरीज की एक सहायक कंपनी के रूप में काम करना शुरू किया था। कंपनी भारत में 400 से ज्यादा ब्रांडेड जनरिक दवाइयों की आपूर्ति करती है, और इसके उत्पाद लगभग 5,00,000 फार्मेसियों में उपलब्ध हैं। इसके अलावा, एबॉट इंडिया डायग्नोस्टिक सॉल्यूशन्स, मेडिकल डिवाइसेस और अन्य न्यूट्रिशनल प्रोडक्ट्स भी प्रदान करती है। 2010 में, कंपनी ने पीरामल हेल्थकेयर सॉल्यूशंस का अधिग्रहण किया, जिससे भारतीय फार्मास्युटिकल सेक्टर में अपनी बाजार स्थिति को मजबूत किया। कंपनी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है।
9. लक्ष्मी मशीन वर्क्स लिमिटेड
लक्ष्मी मशीन वर्क्स लिमिटेड की स्थापना डॉ. जी.के. देवराजुलु ने 1962 में की थी, और इसकी मुख्य गतिविधि कपड़ा मशीनरी का निर्माण करना था। इसके बाद, कंपनी ने एक अत्याधुनिक सुविधा स्थापित की, जहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली कास्टिंग्स का उत्पादन किया जाता था। 2010 में, कंपनी ने एडवांस्ड टेक्नोलॉजी सेंटर (ATC) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए आवश्यक घटकों का निर्माण करना था। कंपनी का मुख्यालय कोयंबटूर में स्थित है।
10. डिक्सन टेक्नोलॉजीज (इंडिया) लिमिटेड
डिक्सन टेक्नोलॉजीज (इंडिया) लिमिटेड की स्थापना 1993 में हुई थी और यह इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) प्रदान करने वाली एक प्रमुख कंपनी है। कंपनी विभिन्न क्षेत्रों में मैन्युफैक्चरिंग करती है, जैसे कि टेलीविजन, मोबाइल फोन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, और घरेलू उपकरण। Dixon ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाने के लिए कई आधुनिक फैसिलिटीज स्थापित की हैं और यह भारत में प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड्स के लिए OEM (Original Equipment Manufacturer) के रूप में काम करती है। 2017 में, कंपनी ने भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग की और तब से कंपनी ने अपनी बाजार स्थिति को मजबूत किया है। कंपनी का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
महत्वपूर्ण वित्तीय संकेतक – KPI’s जो हर इन्वेस्टर को देखने चाहिए
कंपनी | नेट प्रॉफिट मार्जिन (%) | ROE (%) | ROCE (%) | P/E Ratio | P/B Ratio |
---|---|---|---|---|---|
एमआरएफ लिमिटेड | 6.63 % | 10.11 % | 13.77 % | 32.0 | 3.36 |
एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड | 74.69 % | 1.50 % | 1.85 % | 14.0 | 0.19 |
पेज इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड | 14.77 % | 51.81 % | 62.78 % | 65.31 | 33.9 |
हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया लिमिटेड | 12.49 % | 12.96 % | 17.17 % | 56.88 | 7.33 |
3एम इंडिया लिमिटेड | 13.92 % | 27.17 % | 35.83 % | 60.31 | 20.11 |
बॉश लिमिटेड | 14.88 % | 20.66 % | 19.48 % | 46.04 | 7.35 |
श्री सीमेंट लिमिटेड | 5.82 % | 5.21 % | 6.67 % | 98.02 | 5.11 |
एबॉट इंडिया लिमिटेड | 22.06 % | 33.41 % | 42.09 % | 46.15 | 15.43 |
लक्ष्मी मशीन वर्क्स लिमिटेड | 3.40 % | 3.69 % | 5.03 % | 166.43 | 6.15 |
डिक्सन टेक्नोलॉजीज (India)लिमिटेड | 2.06 % | 21.69 % | 24.70 % | 126.84 | 44.97 |
हाई प्राइस vs हाई वैल्यू : क्या दोनों एक ही बात है?
हाई प्राइस पर शेयर का मतलब सिर्फ ये होता है कि उस कंपनी के एक शेयर की कीमत ज्यादा है लेकिन इससे यह तय नहीं होता कि वह स्टॉक भविष्य में अच्छा रिटर्न देगा।
वहीं, वैल्युएबल स्टॉक वह होता है जिसका बिज़नेस मॉडल मजबूत हो, जिसकी कमाई स्टेबल हो और जो लंबे समय में कंसिस्टेंट रिटर्न्स दे सके। जरूरी नहीं कि ऐसा स्टॉक बहुत महंगे दाम पर ट्रेड हो।
उदाहरण के तौर पर, ₹1 लाख का कोई स्टॉक सालों तक गिर सकता है, जबकि ₹200 का कोई स्टॉक स्टेबल प्रॉफिट दे सकता है। इसलिए किसी स्टॉक को सिर्फ उसकी कीमत देखकर अंडर वैल्यू या ओवर वैल्यू मानना सही तरीका नहीं है। निवेश से पहले कंपनी की फंडामेंटल्स जरूर चेक करनी चाहिए।
अधिक जानें – पेनी स्टॉक्स क्या हैं? निवेश के लाभ, जोखिम, और सर्वश्रेष्ठ स्टॉक सूची
निष्कर्ष
सिर्फ किसी स्टॉक का हाई प्राइस देखकर उसमें इन्वेस्टमेंट करना समझदारी नहीं होती। जरूरी है कि निवेश से पहले उसकी वैल्यूएशन ,कंपनी की ग्रोथ पोटेंशियल, और पास्ट रिटर्न परफॉरमेंस को अच्छे से समझा जाए। कई बार महंगे दिखने वाले स्टॉक्स फ्यूचर में अच्छा रिटर्न नहीं दे पाते, जबकि कुछ अपेक्षाकृत सस्ते स्टॉक्स स्ट्रांग फंडामेंटल्स के साथ बेहतर प्रदर्शन करते हैं। हमेशा पोर्टफोलियो विविधीकरण बनाए रखें और बिना प्रोपर रिसर्च या सिर्फ नाम देखकर निवेश करने से बचें। स्मार्ट फैसले ही लंबे समय में बेहतर रिटर्न दिला सकते हैं। हालाँकि, निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।
Disclaimer
The securities, funds, and strategies discussed in this blog are provided for informational purposes only. They do not represent endorsements or recommendations. Investors should conduct their own research and seek professional advice before making any investment decisions.
Article History
Table of Contents
Toggle